संसद के विधायी, वित्तीय, चुनावी कार्य, प्रशासकीय शक्ति, संविधान का संशोधन व कार्यपालिका पर अधिकार

डा. लोकेश शुक्ल  कानपुर 945012595

संसद के विधायी, वित्तीय, चुनावी कार्य, प्रशासकीय शक्ति,
संविधान का संशोधन व कार्यपालिका पर अधिकार

विधायी कार्य

संसद ही संघ सूची के विषयों के लिये कानून बनाती है। राज्य विधानसभाओं के साथ-साथ संसद को समवर्ती सूची पर कानून बनाने का अधिकार है।

किसी सूची में उल्लेखित न किए गए विषय में, अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में निहित हैं।

वित्तीय कार्य

संसद सार्वजनिक धन का संरक्षक है। सरकार संसद की स्वीकृति के बिना न तो जनता पर कोई कर लगा सकती है और न ही धन खर्च कर सकती है।

संसद द्वारा हर वर्ष बजट को मंजूरी दी जाती है।

चुनावी कार्य

भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेता है और

उपराष्ट्रपति का  चुनाव लोकसभा, राज्यसभा के निर्वाचित व मनोनीत सदस्यो द्वारा करता है।

लोकसभा अपने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करती है।

राज्यसभा अपने उपसभापति का चुनाव करती है।

प्रशासकीय हटाने) की शक्ति

संसद की पहल पर संविधान के उल्लंघन के लिए महाभियोग के माध्यम से राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटा सकता है। 

संविधान का संशोधन

 संविधान के अधिकांश भागों में संसद बहुमत से संशोधन कर सकती है। 

कुछ प्रावधानों को केवल संसद द्वारा ही संशोधित किया जा सकता है। 

संसद द्वारा राज्यों की स्वीकृति से ही कुछ प्रावधानों में संशोधन किया जा सकता है। संसद संविधान के मूल ढांचे में बदलाव नहीं कर सकती। 

कार्यपालिका पर अधिकार

संसद प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण नोटिस, स्थगन प्रस्ताव आदि के माध्यम से कार्यपालिका पर नियंत्रण रखती है। सरकार इन प्रस्तावों क प्रति अतिगंभीर  होती है सदन उपरोक्त के माध्यम से सरकार की नीतियों की समीक्षा व आलोचना की जाती है और मतदाताओं पर उनके संभावित प्रभाव का सरकार को सामना करना पड़ता है।


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