योग्यताये, कार्यकाल, पदाधिकारी एवम अयोग्यताएँ |
भारतीय संसद मे दो सदन है ।
1. राज्य सभा
2. लोक सभा
प्रत्येक के सदस्य सांसद कहलाते है ।
संविधान संसद के सदस्य के रूप में निर्वाचन/नामित किये जाने के लिये निम्नलिखित योग्यताएँ निर्धारित है
लोकसभा
- भारत का नागरिक होना चाहिए ।
- आयु 25 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
- चुनाव आयोग या अधिकृत व्यक्ति के सामने या प्रतिज्ञान करना आवश्यक है कि
- वह भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेगा।
- संसद द्वारा निर्धारित कानून के अनुसार योग्यताएँ होनी चाहिए ।
- भारत के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत होना चाहिए।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति लिए निर्धारित सीट पर चुनाव लडने के लिये भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का सदस्य होना चाहिए।
- अनुसूचित जाति या जनजाति का सदस्य सामान्य सीट के लिए याोग्य हैै।
- लोकसभा का पीठासीन अधिकारी को अध्यक्ष होता है।
- वह लोकसभा भंग होने के बाद तब तक अध्यक्ष बना रहता है जब तक कि अगला सदन उसके स्थान पर नया अध्यक्ष नहीं चुन लेता।
- अध्यक्ष की अनुपस्थिति में, एक उपसभापति (सदन द्वारा निर्वाचित) बैठकों की अध्यक्षता करता है।
कार्यकाल
- लोकसभा का सामान्य कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है।
- राष्ट्रपति, मंत्रिपरिषद की सलाह पर पहले भंग कर सकते हैं।
- राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में, इसका कार्यकाल एक बार में एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। लेकिन आपातकाल समाप्त होने के बाद यह छह महीने से अधिक नहीं होगा।
राज्य सभा
- भारत का नागरिक होना चाहिए ।
- आयु कम से कम 30 वर्ष होनी चाहिए।
- चुनाव आयोग या अधिकृत व्यक्ति के सामने या प्रतिज्ञान करना आवश्यक है कि
- वह भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेगा।
- भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखेगा।
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, उसे उस राज्य में मतदाता के रूप में पंजीकृत होना चाहिए, जहाँ से वह राज्यसभा के लिए चुनाव लड़ना चाहता है। परन्तु 2003 में प्रावधान बनाया गया था, जिसके अनुसार कोई भारतीय नागरिक जिसकी नागरिकता किसी राज्य की हो राज्यसभा चुनाव लड़ सकता है।
- भारत का उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति होता है। वह राज्य सभा की बैठकों की अध्यक्षता करता है।
- उसकी अनुपस्थिति में उपसभापति (अपने सदस्यों में से चुने गए) सदन की बैठक की अध्यक्षता करते हैं।
कार्यकाल
- राज्यसभा राज्य सभा के प्रत्येक सदस्य को छह वर्ष का सुरक्षित कार्यकाल प्राप्त होता है।
- इसके एक-तिहाई सदस्य हर दो वर्ष बाद सेवानिवृत्त होते हैं। वे सदस्यता के लिए फिर से चुनाव लड़ने के हकदार हैं।
संवैधानिक आधार पर अयोग्यताएँ ।
- संघ या राज्य सरकार के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है (मंत्री या संसद द्वारा छूट प्राप्त किसी अन्य पद को छोड़कर)।
- मानसिक रूप से अस्वस्थ है और न्यायालय द्वारा ऐसा घोषित किया गया है।
- दिवालिया घोषित नही किया गया हो ।
- भारत का नागरिक नहीं है (या अब नहीं है)।
- संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून के तहत अयोग्य है।
- संवैधानिक आधार पर (जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951) के अनुसार अपराधों या भ्रष्ट आचरणों का दोषी पाया गया।
- अपराध के लिए दोषी पाया गया जिसके परिणामस्वरूप दो या अधिक वर्षों के लिए कारावास हो (निवारक निरोध कानून के तहत हिरासत अयोग्यता नहीं है)।
- भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए सरकारी सेवा से बर्खास्त किया गया है।
- विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने या रिश्वतखोरी के अपराध के लिए दोषी पाया गया।
- अस्पृश्यता, दहेज और सती जैसे सामाजिक अपराधों का प्रचार करने और उनका पालन करने के लिए दंडित किया जाता है।