डा. लोकेश शुक्ल कानपुर 9450125954
भारत का संविधान
संविधान मौलिक सिद्धांतों स्थापित इतिकत्र्वयता का समूहिक दस्तावेज होता है जिसके अनुसार किसी राज्य या अन्य संगठन का शासन चलता है। यह सरकार की संरचना व्यक्तियों के अधिकारों और नागरिकों के कर्तव्यों को रेखांकित करता है, जो देश के सर्वोच्च कानून के रूप में कार्य करता है।
भारत का संविधान का सर्वोच्च कानूनी दस्तावेज है। यह दस्तावेज देश के कानूनी ढांचे को स्थापित करता है जो मौलिक राजनीतिक संहिता, संरचना, प्रक्रियाओं, शक्तियों और सरकारी संस्थाओं के कर्तव्यों को परिभाषित और मौलिक अधिकारों, निर्देशक सिद्धांतों और नागरिकों के कर्तव्यों को निर्धारित करता है। यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
भारत के संविधान को संवैधानिक सर्वोच्चता प्रप्त है इसमे संसदीय सर्वोच्चता नहीं है क्योंकि इसे संविधान सभा द्वारा बनाया गया था और इसकी प्रस्तावना में एक घोषणा के साथ इसके लोगों द्वारा अपनाया गया था। संविधान को संसद रद्द नहीं कर सकती।
भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को अपनाया और 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ था। संविधान ने देश के मौलिक दस्तावेज के रूप में भारत सरकार अधिनियम 1935 को प्रतिस्थापित किया और भारत का डोमिनियन भारत गणराज्य बन गया। संवैधानिक स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए, इसके निर्माताओं ने अनुच्छेद 395 में ब्रिटिश संसद के पिछले कृत्यों को निरस्त कर दिया। भारत 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में अपना संविधान मनाता है।
संविधान भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है, अपने नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता का आश्वासन देता है, और भाईचारे को बढ़ावा देने का प्रयास करता है । भारत की संविधान की मूल प्रति 1950 को पुराने संसद भवन नई दिल्ली में नाइट्रोजन से भरे धातु आवरण में सुरक्षित रखा गया है।