डा. लोकेश शुक्ल कानपुर 9450125954
अपकृत्य अवैध कृत्यो की ऐसी श्रेणी मे आता है जिसके विरुध सामान्य न्यायलय मे कार्यवाही की जा सकती है । इस श्रेणी मे मानहानी, हमला, प्रहार, छल, अपेक्षा आदी अपराध आते है । इन अपकृत्यो मे अपकारी व्यक्ति दूसरे मे निहीत कुछ विधिक अधिकारो का उलघन करता है विघिक कर्तव्यो के पालन न करने से कई प्रकार के विघि विरुघ कार्य उत्पन्न होते है । जिन्हे दो श्रेणी मे विभजित किया जाता है
1. अपराघिक अपकृत्य
2. दीवानी अपकृत्य
3. अपराघिक अपकृत्य मे अपकार कर्ता को दण्ड दिया जाता है । दीवानी अपकृत्य मे प्रतिवादी को वादी को हुयी क्षति के लिये प्रतिकर का भुगतान के लिये आदेशित किया जाता है ।
अपकृत्य कानून के अन्य महात्वपूर्ण गुण निम्न है ।
1. अपकृत्य कानून अघिनियमित कानून नही है ।
2. अपकृत्य कानून न्यायिक कार्यवाहियो पर आघारित है ।
3. अपकृत्य कानून का आघार इग्लिश कामन ला है ।
4. अपकृत्य कानून का आरम्भ भारत मे अंग्रेजो ने किया था ।
5. अपकृत्य कानून का आधार इस परिकल्पना पर आघारित है कि जहां अघिकारी है वहां उपचार भी है ।