कानपुर न्यायलय द्वारा वीडियो कॉल के माध्यम से विदेशी गवाहों की गवाही तकनीकी प्रगति का उदाहरण व न्यायिक प्रक्रियाओं में प्रौद्योगिकी की ओर बढ़ते कदम है।

 विदेश में रहते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कानपुर न्यायलय में गवाही
प्रक्रिया मकान पर कब्जे के मामले में
प्रक्रिया सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक चली
न्यायिक प्रक्रियाओं में प्रौद्योगिकी की ओर बढ़ते कदम का उदाहरण


कानपुर 26, फरवरी, 2025
कानपुर 25, फरवरी, 2025 विदेश में रहते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कानपुर न्यायलय में गवाही देकर एक मील का पत्थर स्थापित किया है। गवाही अमेरिका शिकागो में निवासी शिकायतकर्ता राजकुमारी शाह और उनकी बेटी कविता शामिल हुई । गवाही की प्रक्रिया मकान पर कब्जे के मामले में हुई ।
उत्तर प्रदेश की न्यायपालिका में पहली बार विदेश से गवाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही दी। शुरू में ट्रायल कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही देने पर आपत्ति जताई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने इसे स्वीकृति प्रदान की। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले एक प्रतिवादी द्वारा दी गई गवाही कानपुर में एक संपत्ति विवाद मामले का हिस्सा थी। कानपुर की एक स्थानीय अदालत में बुधवार को गवाही दर्ज की गई।
निचली अदालत की शुरुआती आपत्तियों के बाद शिकागो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बुधवार को गवाही दी। यह प्रक्रिया सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक चली, जिसमें इस मामले में राजकुमारी के खिलाफ बिहार में दहेज उत्पीड़न के आरोप पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसने उसे भारत लौटने से रोक दिया। जैसा कि यह ऐतिहासिक वीडियो गवाही सामने आती है,
यह मामला नरेंद्र सिंह द्वारा एक संपत्ति के कथित अवैध कब्जे से संबंधित है जो 2014 में शुरू हुआ जब राजकुमारी ने अपने मकान को बेचने के लिए नरेंद्र सिंह के साथ समझौता किया था। नरेंद्र सिंह ने मकान का आधा भुगतान किया और कब्जा कर लिया।राजकुमारी और उनकी बेटी कविता ने 2014 में इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई । जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद जून 2014 में प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज की गई
प्रोफेसर कविता शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने बयान दिए और जिरह भी की गई। यह घटना न केवल कानपुर की न्याय व्यवस्था के लिए बल्कि पूरे विश्व की न्याय प्रणाली के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। कानपुर न्यायलय द्वारा वीडियो कॉल के माध्यम से विदेशी गवाहों की गवाही स्वीकार करना तकनीकी प्रगति का उदाहरण व न्यायिक प्रक्रियाओं में प्रौद्योगिकी की ओर बढ़ते कदम है।
राज्यपाल एतद्द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य में न्यायालयों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 225 और 227 के तहत इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा बनाए गए निम्नलिखित नियमों को अनुमोदित और उत्तर प्रदेश राजपत्र में 27 नवम्बर 2020 को प्रकाशित कर लागू किया है । इसे उत्तर प्रदेश राज्य, 2020 में "न्यायालयों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के नियम" कहा जाएगा ।

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